किराये का घर

जब हम “किराए का मकान” लेते है तो “मकान मालिक” कुछ शर्तें रखता है

  1. मकान का किराया समय पर देना होगा।
  2. मकान में गंदगी नही फैलाना।
  3. मकान मालिक जब चाहे मकान को खाली करवा सकता है !!
    उसी प्रकार परमात्मा (मालिक) ने भी हमें जब ये शरीर दिया था यही शर्ते हमारे लिये देकर भेजा हैः~
  4. किराया है। (भजन -सिमरन)
  5. गन्दगी (बुरे विचार और बुरी भावनाये) नही फैलानी।
  6. जब मर्जी होगी परमात्मा अपनी आत्मा को वापिस बुला लेगा !! मतलब ये है कि ये जीवन हमे बहुत थोड़े समय के लिए मिला है, इसे लड़ाई -झगड़े करके या द्वेष भावना रखकर नही, बल्कि प्रभु जी के नाम का सिमरन करते हुए बिताना चाहिए !
    हे मेरे सतगुरुजी ! इतनी कृपा करना कि आपकी आज्ञा में रहे और भजन -सुमिरन करते रहे!!
    “ए जन्म मानुखा जो मिलिया।
    गुरु किरपा दा प्रशाद समझ।
    बे कदरी ना कर स्वासा दी।
    जप नाम जीवन दा राज समझ
    विचार चाहे कितने
    भी उत्तम क्यों ना हो
    वह सार्थकतभी माने जाते हैं
    जब उनकी झलक हमारेव्यवहार में दिखती हैं।

Published by Pradeep Th

अनमोल मनुष्य जन्म और आध्यात्मिकता

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