मुलतान का एक मशहूर और भक्त कारीगर निज़ामुद्दीन ब्यास सतसंग घर को बहुत ही लगन प्यार से बनाने में लगा रहा। हज़ूर जब भी उसे अपनी मजदूरी लेने को कहते तो कहता कि काम खत्म होने पर इकट्ठी ले लूंगा। जब काफी महीने बीत गये तो हजूर जी ने फिर मजदूरी लेने को कहा। निज़ामुद्दीनContinue reading “सेवा से फायदा ही फायदा है।”
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करना क्या है? कर क्या रहे है?
धंधै धावत जग बाधिआ ना बूझै वीचार ॥ जमण मरण विसारिआ मनमुख मुगध गवार ॥ गुरु साहिब फ़रमाते हैं कि हम मनमुख हैं , मुगध हैं , गँवार हैं कि हम हमेशा पेट के धंधों में ही दिन – रात भटकते फिरते हैं । जिस मक़सद के लिए परमात्मा ने हमें यहाँ भेजा है उसकेContinue reading “करना क्या है? कर क्या रहे है?”
अपनी मृत्यु…अपनो की मृत्यु डरावनी लगती है
अपनी मृत्यु…अपनो की मृत्यु डरावनी लगती है बाकी तो मौत का उत्सव मनाता है मनुष्य… मौत के स्वाद काचटखारे लेता मनुष्यथोड़ा कड़वा लिखा है पर मन का लिखा है…… … मौत से प्यार नहीं , मौत तो हमारा स्वाद है । बकरे का, पाए का, तीतर का, मुर्गे का, हलाल का, बिना हलाल का, ताजाContinue reading “अपनी मृत्यु…अपनो की मृत्यु डरावनी लगती है”
शर्त
महान लेखक टालस्टाय की एक कहानी है – “शर्त “ इस कहानी में दो मित्रो में आपस मे शर्त लगती है कि, यदि उसने 1 माह एकांत में बिना किसी से मिले,बातचीत किये एक कमरे में बिता देता है, तो उसे 10 लाख नकद वो देगा । इस बीच, यदि वो शर्त पूरी नहीं करता,Continue reading “शर्त”